मनुष्य होने की कला–(A bird on the wing)-प्रवचन-10

बुद्ध को एक दिन अपने प्रवचन के द्वारा एक विशिष्ट सन्देश देना
था और चारों ओर मीलों दूर से हजारों अनुयायी आए हुए थे) जब
बुद्ध पधारे तो वे अपने हाथ में एक फूल लिए हुए थे। कुछ समय बीत
गया लेकिन बुद्ध ने कुछ कहा नहीं वह बस फूल की ही ओर देखते
रहे। पूरा समूह बेचैन होने लगा, लेकिन महाकाश्यप बहुत देर तक
अपने को रोक न सका, हंस पड़ा। बुद्ध ने हाथ से इशारा कर उसे
अपने पास बुलाया। उसे वह फूल सौंपा और सभी भिक्षुओं के समूह
से कहा- '' मैंने जो कुछ अनुभव किया, उस सत्य और सिखावन
को जितना शब्द के द्वारा दिया जाना सम्भव था, वह सब कुछ तुम्हें दे
दिया लेकिन इस फूल के साथ, इस सिखावन की कुंजी मैंने आज
महाकाश्यप करे सौंप दी।''