सूत्र:
शांति और अशांति भ्रांति के परिणाम है;
बुद्धत्व के साथ कोई पसंदगी और नापसंदगी नहीं होती।
सभी द्वैत अज्ञानपूर्ण निष्कर्ष से आते हैं।
वे ऐसे हैं जैसे कि सपने या आकाश- कुसुम;
उन्हें पकड़ने की चेष्टा करना मूढ़ता है।
लाभ और हानि, उचित और अनुचित,
अंत में ऐसे विचार तत्काल समाप्त कर देने चाहिए।
अगर आंख कभी नहीं सोती,
तो स्वभावत सारे स्वप्न समाप्त हो जाएंगे।
अगर मन कोई भेद नहीं करता,
दस हजार चीजें जैसी वे है? एक ही तत्व की हैं।
इस एक तत्व के रहस्य को समझ लेना
सारे बंधनों से मुक्त हो जाना है।
जब सभी वस्तुएं समान रूप से देख ली जाती हैं
तो समयातीत आत्मतत्व तक पहुंचना हो जाता है
इस कारणरहित संबंधरहित अवस्था में
कोई तुलनाएं या समानताएं संभव नहीं हैं।
मन की केवल एक सामर्थ्य है और वह है सपने देखना। और यह सपने देखने का क्रम तब भी चलता रहता है, जब तुम जाग रहे होते हो। वही कारण है कि सोसान या जीसस विश्वास नहीं करेंगे कि तुम कभी जागे हुए हो क्योंकि सपने की एक विशेषता है कि यह नींद में ही घटित हो सकता है।
शांति और अशांति भ्रांति के परिणाम है;
बुद्धत्व के साथ कोई पसंदगी और नापसंदगी नहीं होती।
सभी द्वैत अज्ञानपूर्ण निष्कर्ष से आते हैं।
वे ऐसे हैं जैसे कि सपने या आकाश- कुसुम;
उन्हें पकड़ने की चेष्टा करना मूढ़ता है।
लाभ और हानि, उचित और अनुचित,
अंत में ऐसे विचार तत्काल समाप्त कर देने चाहिए।
अगर आंख कभी नहीं सोती,
तो स्वभावत सारे स्वप्न समाप्त हो जाएंगे।
अगर मन कोई भेद नहीं करता,
दस हजार चीजें जैसी वे है? एक ही तत्व की हैं।
इस एक तत्व के रहस्य को समझ लेना
सारे बंधनों से मुक्त हो जाना है।
जब सभी वस्तुएं समान रूप से देख ली जाती हैं
तो समयातीत आत्मतत्व तक पहुंचना हो जाता है
इस कारणरहित संबंधरहित अवस्था में
कोई तुलनाएं या समानताएं संभव नहीं हैं।
मन की केवल एक सामर्थ्य है और वह है सपने देखना। और यह सपने देखने का क्रम तब भी चलता रहता है, जब तुम जाग रहे होते हो। वही कारण है कि सोसान या जीसस विश्वास नहीं करेंगे कि तुम कभी जागे हुए हो क्योंकि सपने की एक विशेषता है कि यह नींद में ही घटित हो सकता है।