शूून्य की किताब–(Hsin Hsin Ming)-प्रवचन-02
मार्ग परिपूर्ण है--प्रवचन--दूसरा
Hsin Hsin Ming (शुन्य की किताब)--ओशो
(ओशो की अंग्रेजी पुस्तक का हिंदी अनुवाद)
सूत्र:
जब चीजों का गहन अर्थ समझा नहीं जाता,
तब मन की सारभूत शांति अकारण ही विचलित हो जाती है।
महापथ है विराट आकाश की भांति
जहां न कुछ कम है न ही कुछ अधिक।
सच तो यह है कि स्वीकार या अस्वीकार करने के अपने चुनाव के कारण,
हम चीजों के वास्तविक स्वभाव को नहीं देखते।
Hsin Hsin Ming (शुन्य की किताब)--ओशो
(ओशो की अंग्रेजी पुस्तक का हिंदी अनुवाद)
सूत्र:
जब चीजों का गहन अर्थ समझा नहीं जाता,
तब मन की सारभूत शांति अकारण ही विचलित हो जाती है।
महापथ है विराट आकाश की भांति
जहां न कुछ कम है न ही कुछ अधिक।
सच तो यह है कि स्वीकार या अस्वीकार करने के अपने चुनाव के कारण,
हम चीजों के वास्तविक स्वभाव को नहीं देखते।
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