मनुष्य होने की कला–(A bird on the wing)-प्रवचन-11

प्रश्न : प्यारे ओशो! आपने कहा- ध्यान खिलावट है और हम
लोगों के लिए इस पुष्प की सुवास ही कृतज्ञता और अहोभाव हैं क्या
वहां कोई चीज ऐसी भी है? जिसे हम आपके लिए कर सकते है

हां! ध्यान, करुणा और अहोभाव जब भी तुम ध्यानपूर्ण होते हो, जब भी तुम करुणा से भरे होते हो, तुम परम आनन्द का अनुभव करते हो और तब कृतज्ञता और अहोभाव का जन्म होता है। किसी एक विशेष व्यक्ति के लिए नहीं बस अहोभाव होता है। वह मेरे प्रति, जीसस या जरथुस्त के प्रति या बुद्ध के प्रति नहीं है, वह बस अहोभाव है। तुम कृतज्ञता का इसलिए अनुभव करते हो क्योंकि इस क्षण तुम यहां हो, इसी क्षण अपनी जीवन्तता के साथ ध्यानपूर्ण होने में समर्थ हो और साथ-ही-

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