जाग्रत अवस्था

Osho Hindi speech audio mp3 Download,Osho Audio mp3 free Download, Osho discourses in Hindi Download,Osho world AudioOsho Quotes in Hindi, Osho Quotes


निंदक नियरे रखिए, आंगन-कुटी छवाय।

वह जो तुम्हारी निंदा कर रहा है, उसे तुम पास में ही सम्हाल कर इंतजाम कर दो। उसको घर में ही ठहरा लो; क्योंकि वह तुम्हें जागने का मौका देगा। जो-जो तुम्हें मूर्च्छित होने का मौका देता है, अगर तुम चाहो तो उसी मौके को तुम जागरण की भी सीढ़ी बना सकते हो। जिंदगी ऐसे है जैसे रास्ते पर एक बड़ा पत्थर पड़ा हो। जो नासमझ हैं, वे पत्थर को देख कर लौट जाते हैं। वे कहते हैं, रास्ता बंद है। जो समझदार हैं, वे पत्थर पर चढ़ जाते हैं। वे उसको सीढ़ी बना लेते हैं। और जैसे ही सीढ़ी बना लेते हैं, और भी ऊपर का रास्ता उन्मुक्त हो जाता है।
साधक के लिए एक ही बात स्मरण रखनी है कि जीवन का हर क्षण जागृति के लिए उपयोग कर लिया जाए। चाहे भूख हो, चाहे क्रोध हो, चाहे काम हो, चाहे लोभ हो--हर स्थिति को जागरण के लिए उपयोग कर लिया जाए। रत्ती-रत्ती तुम इस तरह इकट्ठा करोगे जागरण, तो तुम्हारे भीतर ईंधन इकट्ठा हो जाएगा। उस ईंधन से जो ज्वाला पैदा होती है, उसमें तुम पाओगे कि तुम न तो जाग्रत हो, न तुम स्वप्न हो, न तुम सुषुप्ति हो; तुम तीनों के पार पृथक हो।
‘ज्ञान का बना रहना ही जाग्रत अवस्था है।’
बाहर की वस्तुओं के ज्ञान का बना रहना जाग्रत अवस्था है।
‘विकल्प ही स्वप्न हैं।’
मन में विचारों का तंतुजाल विकल्पों का, कल्पनाओं का फैलाव स्वप्न है।
‘अविवेक अर्थात स्व-बोध का अभाव सुषुप्ति है।’

Comments

Popular Posts