बिजुका


खेत-खेत में खड़े बिजूके कपड़े पहने घास के।

आदमकद बाहर से; लेकिन भीतर से अजहद बौने,

निर्भय चरे जा रहे फसलें हिरनों के नन्हें छौने,

पात्र दया के निपट बिजूके या फिर हैं उपहास के।

भय के सभय प्रतीक इरादों से बिल्कुल शाकाहारी,

उतने ही असहाय कि जितनी अपने युग की बेकारी।

चौतरफा के दृश्य अदेखे, देख न पाते पास के।

फसल कटे, पशुओं ने इन पर ही चौकस हमले बोले,

सावधान की मुद्रा में वह, मुंह कैसे अपना खोले?

धरती के जो हो न सके वो क्या होंगे आकाश के?

खेत में बिजूका देखा? खड़ा कर देते हैं। घास-पात भर देते हैं। ऊपर से खादी का कुर्ता पहना देते हैं। और अगर सुविधा हुई तो चूड़ीदार पाजामा भी पहना देते हैं। नेहरू-कट अचकन, गांधी-टोपी. और बिजूका खड़ा है! पक्षियों को भगाने के काम आ जाता है। पक्षियों को डराने के काम आ जाता है। लेकिन बिजूके के भीतर कुछ भी नहीं है; घास-पात भरी है। बिलकुल नेताजी हैं! जब तक तुम्हारे भीतर घास-पात भरा है, तब तक तुम कहने के लिए ही आदमी हो, नाममात्र के आदमी हो; अभी तुम्हारे भीतर आत्मा का फूल नहीं खिला है। अभी तो घास-पात ही है। आदमी कम, खेतों में खड़े बिजूके हो! आदमी बनो, बिजूकों से काम नहीं चलेगा। और जो आदमी अभी भीतर के जगत में असंतुष्ट नहीं, आदमी नहीं है। जिसने अभी भीतर धार धरनी शुरू नहीं की, वह आदमी नहीं है। जिसने अभी भीतर के चैतन्य को निखारना शुरू नहीं किया, संवारना नहीं शुरू किया, वह आदमी नहीं है। धन कितना ही इकट्ठे करो, कितने ही बड़े पद पर पहुंच जाओ--बिजूके हो, बिजूके रहोगे! धनी बिजूके हो जाओगे, लेकिन बिजूका होना नहीं मिटेगा। इसलिए दुनिया में इतने लोग हैं, मगर मनुष्य कहां! तुम भी जरा तलाशोगे तो आदमी मुश्किल से पाओगे। और बाहर तलाशने मत जाना। बाहर से क्या लेना-देना है! दूसरा आदमी हो कि बिजूका, तुम्हारा क्या प्रयोजन है? जरा भीतर अपने झांकना, घास-पात ही तो नहीं भरी है? हीरे-जवाहरात होने को आए थे, घास-पात ही रहोगे? घास-पात रह कर ही चले जाओगे? अमृत की पहचान को आना हुआ था, जहर से ही मुलाकात हुई। जन्म हुआ था कि जीवन को जानेंगे--और जन्म सिर्फ मृत्यु में ले जाता है। जन्म और मृत्यु के बीच बहुत धन्यभागी थोड़े से हैं, जो जीवन को जान पाते हैं। और जो जीवन को जान लेते हैं, उनका न तो जन्म है और न उनकी मृत्यु है। जो जीवन को जान लेते हैं, वे यह भी जान लेते हैं कि मैं सदा था, और सदा रहूंगा। जन्म के पहले था, मृत्यु के बाद रहूंगा और  वही परमात्मा है।

Comments

Popular Posts