चालाकी
सेमर के वृक्ष की एक खूबी है कि उसके नीचे कोई पौधा पैदा नहीं हो सकता। इसलिए सेमर अपने बीज में रुई लगा देता है, ताकि कोई बीज नीचे न गिर पाए। क्योंकि नीचे गिरा तो मर जाएगा। तुम यह मत समझना कि रुई तुम्हारे गद्दे-तकियों में भरने के लिए सेमर लगाता है। रुई लगाता है सेमर अपने बीज को पंख देने के लिए, ताकि हवा के झोंकों में वह दूर चला जाए। एक बात पक्की कर लेता है कि नीचे न गिर पाए बस, कहीं भी गिरे, यहां न गिर पाए; क्योंकि नीचे सेमर के कोई वृक्ष पैदा न होगा। सेमर सारे पानी को चूस लेता है। बड़े वृक्ष के नीचे पैदा होना मुश्किल भी है। इसलिए सभी वृक्ष अपनी-अपनी तरकीबें खोजते हैं। तुम इनको इतना आसान मत समझना। वे सब काफी कुशल और चालाक हैं। तुम उनको सीधा-सादा मत समझना! संसार में कोई सीधा-सादा हो ही नहीं सकता। सीधा-सादा हुआ कि मोक्ष! यहां तो तिरछा ही हो सकता है। तिरछा होना यहां होने की शर्त है। वही यहां योग्यता है। तो वृक्ष हजार...अगर तुम वृक्षों के संबंध में अध्ययन करो, तुम चकित हो जाओगे कि कैसी-कैसी तरकीबें वृक्ष खोजते हैं! तितलियों के सहारे; तितलियों को आकर्षित करते हैं। तितलियां सोचती होंगी कि शायद यह जो मधुर रस बह रहा है वृक्ष में, उनके लिए है। वे भ्रांति में हैं। उनको केवल रिश्वत दी जा रही है। वृक्ष उनके पैरों में, पंखों में अपने बीज को लगा कर भेज रहा है। हजार तरकीबें वृक्ष करेगा बचने की। और जब वृक्ष इतनी तरकीबें करता है, तो सोचो इंसान कितनी न करता होगा! इंसानों की चालाकी का तो कोई अंत नहीं होगा।
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