क्वांटा
असल में आदमी के तत्व-चिंतन की सारी लड़ाइयां बड़ी बचकानी हैं, बहुत चाइल्डिश हैं। वे सारी लड़ाइयां तत्व-चिंतन की जो मनुष्य-जाति ने अब तक बड़े से बड़े दार्शनिकों के द्वारा की हैं, वे बच्चों के छोटे से सवाल में समाहित हो जाती हैं कि मुर्गी पहले होती है कि अंडा? बड़े से बड़ा तत्व-चिंतन, बड़े से बड़ी फिलासफी इस छोटे से मुद्दे पर लड़ती रही है। जो जानते हैं, वे कहेंगे कि मुर्गी और अंडा दो नहीं हैं; इसलिए कौन पहले है यह सिर्फ नासमझ पूछ सकता है और बड़ा नासमझ उत्तर दे सकता है।
अगर हम ठीक से समझें तो अंडे का मतलब क्या होता है? अंडे का मतलब क्या होता है? अंडे का कुल मतलब छिपी हुई मुर्गी होता है। मुर्गी का क्या मतलब होता है? छिपा हुआ अंडा होता है। अंडा और मुर्गी दो चीजें अगर होतीं, तो कौन प्रिसीड करता है, यह सवाल सार्थक था। कौन पहले है, यह सार्थक था सवाल, अगर अंडा और मुर्गी दो चीजें होतीं। अंडा और मुर्गी एक ही चीज है। या एक ही चीज को हमारे देखने के दो ढंग हैं। या एक ही चीज की दो क्षणों में दिखाई पड़ने की स्थितियां हैं! लेकिन दो चीजें नहीं हैं। अंडा और मुर्गी एक ही चीज की दो फेज हैं, एक ही चीज के प्रकट होने के दो ढंग हैं। बीज और वृक्ष दो चीजें नहीं हैं। जन्म और मृत्यु दो चीजें नहीं हैं। एक ही चीज के होने के दो ढंग हैं, या हो सकता है कि हम पूरी तरह देख नहीं पाते इसलिए हम दो में तोड़ कर देखते हैं। दृष्टि हमारे पास छोटी है।
आपको उदाहरण दूं, उससे खयाल आ सके। ताकि ऐसा न लगे कि मैं कोई अवैज्ञानिक बात कह रहा हूं।
आज से सो साल पहले तक कभी कोई सोच भी नहीं सकता था, लेकिन इधर सो वर्षों में बड़ी मुश्किल पड़ी। जैसे ही हम अणु का विस्फोट किए और इलेक्ट्रांस की खोज किए, वैसे ही एक बड़ी कठिनाई आई जो मनुष्य-जाति के सामने पहली दफे आई। और वह यह थी कि इलेक्ट्रान को हम क्या कहें? क्योंकि कभी इलेक्ट्रान का फोटो ऐसा आता है जैसे इलेक्ट्रान वेव है, लहर है; और कभी ऐसा आता है जैसे पार्टिकल है, कण है। और कभी एक ही साथ दो कैमरे फोटो लेते हैं, तो एक कैमरे में फोटो आता है वेव का और दूसरे कैमरे में फोटो आता है कण का। अब कण और लहर में बड़ा फर्क है। इसको क्या कहें? इसको लहर कहें? अगर लहर कहते हैं तो यह कण नहीं हो सकता। अगर कण कहते हैं तो यह लहर नहीं हो सकता। इसलिए अंग्रेजी में एक नया शब्द ईजाद हुआ जो दुनिया की दूसरी भाषा में शायद नहीं हुआ, क्योंकि दुनिया की दूसरी भाषाएं उस गहराई पर नहीं पहुंची, वह है क्वांटा। एक नया शब्द बनाना पड़ा। क्वांटा का मतलब है, बोथ साइमलटेनियसली वेव एंड पार्टिकल। मगर क्वांटा बड़ा मिस्टीरियस मामला है। क्वांटा का ये भी मतलब होता है, दोनों एक साथ- लहर भी और कण भी। हां, मुर्गी भी और अंडा भी--क्वांटा।
अस्तित्ववादी ऐसा मानते हैं, एक्झिस्टेंस प्रिसीड्स इसेंस। दुनिया के जितने तत्व-चिंतक हैं, उन सबका मानना है, इसेंस प्रिसीड्स एक्झिस्टेंस पर यहां बोथ साइमलटेनियसली वेव एंड पार्टिकल, मुर्गी भी और अंडा भी तो ना ही एक्झिस्टेंस प्रिसीड्स इसेंस और ना इसेंस प्रिसीड्स एक्झिस्टेंस। ये बात है दिव्य दृष्टि की अर्थात इसेंस इ़ज एक्झिस्टेंस, एक्झिस्टेंस इ़ज इसेंस। अस्तित्व आत्मा है, आत्मा अस्तित्व है। ये दो चीजें नहीं हैं। हां, मुर्गी भी और अंडा भी--क्वांटा।
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