उपलब्धि
दिल उनके तार सितारों के, तन उनके तबल तमांचे हैं।
मुंह चंग जबा दिल सारंगी, पा घुंघरू हाथ कमांचे हैं।।
हैं राग उन्हीं के रंग-भरे, और भाव उन्हीं के सांचे हैं।
जो बे-गत बे-सुरताल हुए, बिन ताल पखावज नाचे हैं।।
जब हाथ को धोया हाथों से, जब हाथ लगे थिरकाने को।
और पांव को खींचा पांवों से, और पांव लगे गत पाने को।।
जब आंख उठाई हस्ती से, जब नयन लगे मटकाने को।
सब काछ कछे, सब नाच नचे, उस रसिया छैल रिझाने को।।
हैं राग उन्हीं के रंग-भरे, और भाव उन्हीं के सांचे हैं।
जो बे-गत बे-सुरताल हुए, बिन ताल पखावज नाचे हैं।।
था जिसके खातिर नाच किया, जब मूरत उसकी आय गई।
कहीं आप कहा, कहीं नाच कहा, औ तान कहीं लहराय गई।।
जब छैल-छबीले सुंदर की, छबि नैनों भीतर छाय गई।
एक मुरछा-गति-सी आय गई, और जोत में जोत समाय गई।।
दि वे ऑफ व्हाइट क्लाउड में एक जगह लिखा है--समटाइम्स आई टेक अवे दि मैन, दि सब्जेक्ट, बट डू नॉट टेक अवे दि सरकमस्टांसेज, दैट इ़ज ऑब्जेक्ट। समटाइम्स आई टेक अवे दि सरकमस्टांसेज, बट डू नॉट टेक अवे दि मैन। समटाइम्स आई टेक अवे बोथ, दि मैन एंड दि सरकमस्टांसेज, एंड समटाइम्स आई टेक अवे नीदर दि मैन नॉर दि सरकमस्टांसेज।
जगत में समस्त विकास वैयक्तिक है, इंडिविजुअल है। उपलब्धि कॉज्मिक है, उपलब्धि ब्रह्मांडगत है। लेकिन गति, विकास व्यक्तिगत है। जगत में समस्त चेतना की अभिव्यक्ति व्यक्तिगत है। मूल स्रोत समष्टिगत है, अभिव्यक्ति व्यक्तिगत है। सागर समष्टि है, लहर सदा व्यक्ति है। चेतना जहां भी दिखाई पड़ेगी हमें, व्यक्ति दिखाई पड़ेगी। हां, जब व्यक्ति की चेतना को खोएंगे तो समष्टि की चेतना का अनुभव शुरू होगा। लेकिन मैं अपनी चेतना को खोकर अनुभव करूंगा। मेरे अनुभव के साथ आपका अनुभव नहीं हो जाएगा।
Comments
Post a Comment